
एससी-एसटी एक्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों का भारत बंद कई जगहों पर हिंसक हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। दलित संगठन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
दलित संगठनों द्वारा आयोजित आज के भारत बंद पर अपनी व्यक्तिगत राय देते हुए भाजपा बिहार की प्रदेश मंत्री और समाजसेविका अमृता भूषण राठोड ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है की आजादी को 70 साल हो गए, अब समय आ गया है जब संविधान पर पुनर्विचार किया जाए। आरक्षण सिर्फ 10 सालों के लिए लागू किया गया था। ताकि जो पिछड़े लोग है वो मुख्यधारा में आ जाये, और वो आ भी गए। आज नजर घुमा कर देख लीजिये। अब समय गरीबी को आरक्षण देने की है। जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं हिंदुस्तान में उन्हें आरक्षण दीजिये। इसमें गलत कहाँ है? जब तक अपने आप को स्वर्ण बुलाइयेगा ये सब झेलना पड़ेगा। मैं गया के गांव में घूम कर आ रही हूँ सारे नौजवान बिना नौकरी और आमद के भटक रहे हैं।
उन्होंने कहा की आज के भारत बंद का आह्वान बेवजह है, हिन्दुओं को जात पात में बाँटने की कोशिश है।
दलित का अर्थ डिक्शनरी में ‘ किसी दल से सताया हुआ है’। जब अंग्रेजो और मुगलो का शासन था तब ये शब्द आया था। तब हम सब दलित थे।सिर्फ 5000 साल पुरानी गीता या महाभारत की कथा में किसी आज के तथाकथित जाती जिन्हें आरक्षण मिला है का जिक्र नही है। राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए लोगो ने पूरे हिंदुस्तान को जातियों में बांट दिया। आज मुख्यमंत्री, IAS, IPS, डॉक्टर्स, engineers, बड़े ऑफिसर्स, इनके बच्चों को सिर्फ जाती के नाम पर आरक्षण मिले ये कहाँ की अक्लमंदी है। हिंदुस्तान में आज अगर जातियों का परसेंटेज % निकालेंगे हर स्वर्ण जाती के लोग अलग अलग आज के दिन में अल्पसंख्यक हैं, तब फिर इन्हें आरक्षण क्यों नही?अमृता भूषण ने लोगो से आज की परिदृश्य को समझने की अपील करते हुए कहा की आम लोगो को समझना होगा, सही मायने में जो पिछड़े हैं उन्हें समझना होगा, दूसरे के फायदे के लिए अपना नुकसान ना करे। पढ़े लिखे युवा वर्ग को आगे आना होगा, लोगो को समझाना होगा। हिंदुस्तान में हिंदुओं को बँटने से रोकना होगा। संविधान में परिवर्तन लाना होगा। आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू होगा, तभी देश का विकास सम्भव है।
आरक्षण पर हो हल्ला करने वालो से अमृता भूषण ने पूछा की सत्तर साल बाद भी हिंदुस्तान में गरीबी ज्यों की त्यों, कोई बताएगा क्यों ?
आरक्षण ने लोगो की क्षमता कम कर दी है। 90 नंबर लाकर लोग सड़क पर भटक रहे, 40 नम्बर लाकर डॉक्टर आपरेशन कर रहे। बाकी मालिक भगवान है। आगे आपलोग देखें, कितने आरक्षण वाली जातियों के लोग अमीर हो गए। सब कुछ सामने है। 70 साल का हिसाब कर लीजिए, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू हो, अंत में उन्होंने कहा की ये मेरी “व्यक्तिगत राय” है।
और हर बात पर भारत बंद मत कीजिये, समय कीमती है। घर जाकर पुनर्विचार कीजिये और 70 सालों का हिसाब कीजिये !!
#राजनीतिकाहिन्दूकरणजरूरीहै
वन्दे मातरम !!